मेरी उड़ान
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कभी जीवन में अपने कुछ दुखद से पल भी आते हैं
सभी अपने हमेशा के लिए तब छूट जाते हैं /
समय अपना बुरा आया,तमस भी साथ ले आया
करीबी जो रहे अपने वही नजरें चुराते हैं /
किसे फुर्सत हमें देखे हमारा हाल अब जाने
हमें रुसवाइओं में तन्हा अक्सर छोड़ जाते हैं /
मिले ढूंढे नहीं कोई सहारा बन सके जो तब
मुसीबत में कहाँ अब लोग यूँ रिश्ते निभाते हैं /
भला कर तू भला होगा बुरा मत सोचना मन में
रवायत यह है दुनिया की करम ही साथ जाते हैं /
कहाँ वश मौत पे अपना न ही जीवन है वश में अब
ये खेला मौत जीवन का तो भगवन ही रचाते हैं /
…….सरिता भाटिया
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